नमस्ते दोस्तों आज मै एक बार फिर आप के बीच लेकर आया हूँ एक बेहद ही
प्यारी emotional Love story
Love Stories तो इसे कृपया पूरा पढ़े और केसी
लगी ये कहानी जरुर बताये :ये कहानी ह रीना और पुलकित के प्यार की कि कैसे मिले वो तो आइये इसे में
और आप साथ पढ़ते है ओर जानते है कि क्या है रीना और पुलकित की emotional Love story
मांग का सिन्दर
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रीना बाहर लॉन में अपनी स्कूटी साफ़ कर रही थी,तब ही आवाज़ आयी बहु बहु मैं तुझे एक बात कहना तो भूल गई,दो दिन बाद सत्संग की औरतों ने फाग उत्सव हैं, सबने वहां पीले रंग की साड़ी पहन कर आने का सोचा है मेरे पास इस रंग की साड़ी नहीं है क्या तू एक पीले रंग की साडी खरीद लाएंगी ? रीना ने कहा जी माँ मैं शामको कॉलेज से आते समय ले आउंगी फिर उसने अपनी बेटी रुपाली को आवाज़ लगायी, रुपाली स्कूल का समय हो गया चलो भी,रुपाली बैग टांग बाहर आयी और बोली मम्मी आज मुझे साइंस प्रोजेक्ट का सामान खरीदना है मुझे ५०० रुपये चाहिए अच्छा ठीक है मैं दे दूंगी, अपनी पोती की बात सुन सरोज उदासी भरे स्वर में कहा, बहु ऐसा कर तू पीली साड़ी रहने दे अब इस बुढ़ापे में पीला रंग मुझ पर अच्छा नहीं लगेगा। रीना ने कुछ उत्तर नहीं दिया और रुपाली को ले कर चुली गई, गाड़ी चलाते वक़्त सोचने लगी,माँ भी ना जानती है, इतने पैसे खर्च नहीं कर सकते नहीं तो महीने का बजट बिगड़ जायेगा इसलिए मन मारकर मुझे साड़ी लाने का मना कर दिया दरसल रीना के पति अजय के देहांत के बाद घर की सारी जिम्मेदारी रीना पर आ गई, उसकी तनख्वाह ज्यादा नहीं थी बस घर खर्च चल जाता और कॉलेज से आने के बाद कुछ बच्चों को घर पर ट्यूशन पढ़ा देती,जिससे बेटी की पढ़ाई का खर्च भी आसानी से निकल जाता, तब ही स्कूल आ गया गाड़ी से उतारते समय रुपाली ने कहा, मम्मी रुपये देदो, रीना ने अपने बैग में से उसे रूपये दे दिए। रीना कॉलेज आ गयी, कॉलेज में काम ख़त्म किया घर जाने का समय हुआ गया था तब उसने अपनी सासु माँ को फ़ोन कर कहा माँ आज मुझे कुछ जरुरी काम है
तो घर आने में देरी हो जाएगी आप और रुपाली खाना खा लेना मेरा इंतज़ार मत करना, कॉलेज से निकली और एक इंस्टिट्यूट में गई, वहां रिसेप्शनिस्ट से कहा उसे मिस्टर पुलकित ने इंटरव्यू के लिए बुलाया है। रिसेप्शनिस्ट ने उसे बैठने को कही फिर कुछ देर बाद उसे एक कैबिन में जाने को कहा, रीना कैबिन का दरवाज़ा खोलती है
और सामने बैठे पुलकित को देख हैरान-परेशान सी हो जाती है। पुलकित भी उसे देख हैरान हो जाता है फिर हँसते हुए कहता है अरे रीना तुम आओ बैठो, कैसी हो ..? रीना घबरा कर कहती है ठीक हूँ। अरे AC चल रहा है तुम्हे इतना पसीना कत्रों आ रहा घबराओ मत मैं ही तुम्हारा इंटरव्यू लेने वाला हूँ। अच्छा बताओ तुमने कॉलेज की नौकरी कब शुरू की ? वो २ साल पहले,घर में कौन कौन है ? सासु माँ और मेरी बेटी | तुम्हारे पति ? रीना ने कहा उन्हें गुजरे 2 साल हो गया, पुलकित को ये जान कर दुःख हुआ, उसने पूछा ये कैसे हुआ ? रीना ने कहा, उन्हें हार्ट से सम्बंधित बीमारी हो गयी थी जिसमे हमने हमारी सारी जमा पूंजी लगा दी पर फिर भी उन्हें बचा ना सके | पुलकित ने कहा अच्छा ठीक है तुम कल से इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर रिसेप्शन पर जा कर सारी फोर्मलिटी पूरी कर लेना, ये जान कर रीना को आश्चर्य हुआ उसे पुलकित को देख 'उम्मीद नहीं थी कि वो उसे नौकरी पर रखेगा, वो बाहर रिसेप्शन पर गई, रिसेप्शनिस्ट ने कहा थोड़ी देर बैठे वो जा कर सोफे पर बैठ गई और अतीत में खो गई, पुलित और रीना कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे, पुलकित रीना को पसंद करता था कॉलेज खतम होने के बाद पुलकित ने रीना के सामने शादी का प्रस्ताव रखा इस पर रीना ने कहा वो घर आ कर माँ-बाबूजी से बात कर ले यदि उन्हें मंजूर है तो उसे भी कोई एतराज़ नहीं है। जब पुलकित ने रीना के माँ-बाबूजी से बात की तो रीना के बाबूजी ने शादी से इंकार कर दिया कारण था पुलकित एक मामूली सा ट्यूशन टीचर था उसकी अच्छी नौकरी नहीं थी और बाबूजी ऐसे मामूली नौकरी करने वाले लड़के को अपना दामाद नहीं बनाना चाहते थे, तब ही रिसेप्शनिस्ट की आवाज़ से रीना अतीत से बाहर आयी
और सारी फोर्मलिटी पूरी कर घर चली गई, घर पहुंची जैसे ही अंदर गयी रुपाली ने कहा मम्मा आज बहुत देर करदी आपने आने में ?हां बेटा अब मैं कल से देर से ही घर आउंगी, तब ही सरोज ने पूछा क्यों बहु, कॉलेज में ज्यादा काम है क्या ? रीना ने कहा, नहीं माँ वो मैंने कॉलेज के बाद एक इंस्टिट्यूट में नौकरी कर ली. बस 3 घंटे वहां पढ़ाना है ,तनख्वाह भी अच्छी है, कल से देर हो जाये आने तो आप चिंता मत करना माँ | संरोज को ये जान कर दुःख हुआ बहु घर की जरुरत पूरी करने के लिये कितनी मेहनत कर रही है। अगले दिन से सुबह रीना कॉलेज में पढ़ाने जाती फ्रि इंस्टिट्यूट में पढ़ाने जाती और रात को घर पर बच्चो को ट्यूशन भी पढ़ाती, छह महीने बित गए, इस दिनचर्या के कारण वो इना थक जाती कि उसके चेहरे की चमक फीकी पड़ने लगी थी अब, सरोज ने कह भी बहु इतना काम मत कर बीमार हो जाएगी, रीना ने कहा माँ आप चिंता मत करो मैं ठीक हूँ । एक दिन जब रीना इंस्टिट्यूट गई तब पुलकित ने उसे कैबिन में बुलाया और कहा रीना मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ.. देखो रीना कोई जबरजस्ती नहीं है तुम अच्छे से सोच समझ कर निर्णय लेना ..यदि .यदि तुम चाहो तो मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ देखो पहले भी मैं यही चाहता था..और आज भी ..मैंने अब तक शादी नहीं की क्यूंकि किसी को मेरी मामूली नौकरी पसंदू नहीं आयी,तो किसी को मैं तो कहीं बात बन ही ना सकी और शादी कर भी लेता तू तुम जैसी कोई मुझे नहीं मिलती इसलिए तुम इस बात पर विचार करना..रीना ने कुछ ना कहा चुपचाप उठ चल दी, पुलकित ने उसे बहुत आवाज़ लगायी पर वो ना रुकी घर जा कर, खाना खा कर चुपचाप सोने चली गई, और पुलकित की बातों पर सोचने लगी, घर में कोई भी हंगामा नहीं चाहती अब जब कुछ महीनो पहले उसकी चाची उनके किसी दूर के रिश्तेदार के
तलाकशुदा बेटे का रिश्ता उसके लिए लायी थी तो रुपाली कैसी नाराज़ हो गयी थी और बोली थी उसके पापा की जगह कोई नहीं ले सकता,पुलकित बहुत
अच्छा है..दिल का साफ़ है ..पर ..पर ये संभव नहीं, उसे पूरी रात नींद भी नहीं आई। अगले दिन कॉलेज खत्मकर इंस्टिट्यूट गई,कुछ देर बाद उसे चक्कर से
आने लगे वो बेहोश हो गयी,पुलकित उसे अस्पताल ले गया और उसके घर फोन लगा कर सूचित किया, रीना को जब होश आए तो देखा वो अस्पताल में है और सामने पुलकित, माँ और रुपाली खड़े है। माँ ने रीना से कहा, बहु मैंने कहा था न इतना काम मत कर देख पड़ गयी ना बीमार,रीना ने कहा, सॉरी माँ आप सब मेरी वजह से परेशान हुए अब से मैं ध्यान रखूगी अपना। पुलकित ने कहा, अच्छा माँजी मैं चलता हूँ अगर कोई जरुरत हो तो रीना को कह देना वो मुझे फ़ोन कूर देगी। धन्यवाद बेटा आज तुमने हमारी बहुत मदद की, नहीं तो मैं बुढ़िया अकेले ये सब कैसे करती [अरे माँजी इसमें धन्यवाद वाली क्या बात है , मैं. आपके आपके परिवार के सदस्य जैसा ही हूँ , ये कहू कर पुलकित चला गया। ४-५ दिन आराम के बाद रीना ठीक हो गई और वापस अपने काम में व्यस्त हो गयी, रीना की चुप्पी से पुलकित समझ गया कि वो शादी नहीं करना चाहती इसलिए उसने दोबारा इस विषय में ३ महीने बाद एक दिन सरोज ने रीना से कहा रीना आज इंस्टिट्यूट से छुट्टी ले लेना, मेरी सबसे प्रिय सहेली निर्मला के यहाँ कार्यक्रम है शामको हम तीनो को वहां चलना है और हां आज शाम अच्छे
से तैयार होना और वो जो तेरी नीली जरी वाली साड़ी हैं ना वो पहनना, रीना ने कहा वो तो ठीक है माँ पर वो नीली इतनी महंगी और भारी साड़ी पहने की क्या जरुरत ? सरोज ने कहा, अरे बहु मैंने कह दिया ना बस । रीना ने कहा ठीक है, शामको रीना जल्दी घर आ गयी उसने हल्का सा मेकअप किया,वो नीली साड़ी पहनी और बालों का जुड़ा बनाया आज वो बहुत सुंदर लग रही थी। वो तीनों घर
से निर्मला के घर जाने के लिए निकले, निर्मला के घर के सामने जैसे ही गाडी रुकी, घर देख रीना हैरान - हो गई फिर निर्मला बाहर आयी उन्हें देख रीना के
मन का संशय दूर हो गया निर्मला और कोई नहीं पुलकित की मम्मी है। फिर वो अंदर गए, पुलकित भी आ गया, घर में और कोई मेहमान नहीं था जिसे देख रीना ने सोचा ऐसा देख तो लग नहीं रहा यहाँ कोई कार्यक्रम है, रीना हैरानी से अपनी सास की तरफ देख रही थी, कुछ देर बाद सरोज ने कहा, बेटा मैंने और रुपाली ने तुम्हारे लिये पुलकित को पसंद किया है, मैं चाहती हूँ तुम दोनों आपस में बात कर लो ,रीना ने कहा पर माँ ये सब क्यों और ऐसे अचानक, सरोज ने कहा देख बेटा मेरा क्या भरोसा अब मैं बूढी हो गयी हूँ मुझे तुम दोनों माँ बेटी की चिंता रहती है किसी दिन मुझे कुछ हो गया तो,और इस बात से रुपाली को
भी कोई एतराज़ नहीं है। रीना ने रुपाली की तरफ देखा, रुपाली ने कहा हां मम्मी आपको भी एक साथी की जरुरत है, जो आपका हर सुख-दुःख में साथ दे और मुझे पुलकित अंकल बहुत अच्छे लगे। रीना ने पूछा माँ पर ये सब हुआ कैसे, आप निर्मला आंटी से कैसे मिली ? सरोज ने कहा, एक दिन मैं और रुपाली मॉल गए और संयोग से वहां हमें पुलकित और उसकी मम्मी मिल गए, हम बैठ बातें करने लगे तब मैंने रुपाली को पुलकित के साथ बहुत खुश देखा मुझे : बहुत अच्छा लगा बस तब ही मेरे मन में ये विचार आया, बातों बातों में निर्मलजी ने पुलकित कोई शादी ना हुई और कारण भी बताया,मैं रुपाली घर आ गए कुछ दिन सोचने के बाद मैंने रुपाली से ये बात कहीं उसे भी पुलकित अच्छा लगा, वो भी चाहती थी कि तुम शादी कर लो | इतने में पुलकित् बोल
पड़ा एक दिन आंटी और रुपाली मुझसे मिलने इंस्टिट्यूट आए और मुझसे
शादी की बात कहीं. मैंने आंटी और रुपाली को अतीत की सारी बातें बता दी,
तब बीच में सरोज बोल पड़ी ये जानने के बाद मैं और रुपाली आश्वस्त हो गए कि तुमको और रुपाली को पुल्कित से ज्यादा खुश कोई नहीं रख सकता | रुपाली ने कहा, मम्मी अब हमारी भी हैप्पी फॅमिली होगी मेरे बचपने के कारण आप बहुत दिन अकेले रहे पर अब नहीं,सरोज नेकहा,रीना तुम मेरे लिए बेटी से बढ़ कर हो..तुमने हमारे लिए बहुत कुछ सहा भी और किया भी पर आज मेरी बारी है । रीना पुलकित से शादी करने के लिए राज़ी हो गई, पुलकुित् और उसकी माँ बहुत खुश थे, रीना ने पुल्कित की माँ के पैर छुए , उसके बाद पुलकित रीना को ले कर छत पर चला गया कुछ देर चुप्पी रही फिर पुलकित
ने कहा, रीना मैं तुम्हें और रुपाली को खुश रखने की पूरी कोशिश करूँगा और तुम रुपाली की चिंता मत करना मैं हमेशा उसे अपनी बेटी ही मानूँगा।
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मांग का सिन्दर
ये सुन रीना के मन को सुकून मिला, उसकी आँखे नम् हो गई, सूरज ढल रहा था, पंछी घोसलों में लौट रहे थी, ये ढलता सूरज उसके जीवन में नई खुशियां ले आया था।
५ साल बाद ....
रीना और पुलकित इसी तरह शाम को छत पर खड़े हैबाहों में बाहूँ डाल, पुलकित रीना से कहता है हैप्पी 5th मैरिज एनिवर्सरी माय लवली वाइफ तब ही पीछे से आवाज़ आई अरे मम्मा पापा रुको मैं भी आती हूँ एक सेल्फी तो लेले, रुपाली और पुलकित हंसी मज़ाक करने लगते हैं,ये सब देख रीना मन ही मन . ईश्वर को धन्यवाद देती हैं कि पुलकित जैसा सच्चा जीवनसाथी आज उसकी सुनी मांग का सिन्दूर हैं। Click the link
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