मेरे पहले प्यार की कहानी
नमस्ते दोस्तों आज मै एक बार फिर आप के बीच लेकर आया हूँ एक बेहद ही
प्यारी college love Story तो इसे कृपया पूरा पढ़े और कैसी
लगी ये कहानी जरुर बताये l
एक लड़की थीं। वह बहुत ही खूबसूरत थीं जितनी वह सूंदर थीं। उतनी ही वह ईमानदार भी थीं। वह लड़की दिल की बहुत ही अच्छी थीं। और वह 12वीं क्लास में पढ़ती थीं। उसकी क्लास में एक लड़का था। वह मन ही मन उसें बहुत चाहता था। लड़का अक्सर उस लड़की के छोटे मोटे काम कर दिया करता था। बदले में जब लड़की उसे मुस्कुराकर बैंक्यु कहती तो वह लड़का उस लड़की को ये कहता था अरे प्लीज़ मुझें थेंक्यु मत कहिये आखिर हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ते हैं तो हम दोनों एक दोस्त की तरह ही हैं। तो दोस्ती में नो थैक्यु और नो सॉरी तब लड़की मन ही मन में सोचतीं हैं। अरे वाह इसने तो बातों ही बातों में मुझसें दोस्ती भी कर ली। लेकिन उस लड़की को उसकी बातें बहुत ही अच्छी लगती थीं और शायद उसके जीवन में पहली बार उसकी
एक लड़के से दोस्ती हुयी थीं।
और उनकी दोस्ती इतनी आगे बढ़ गयी थीं कि उन्होंने 12वीं पास करके एक ही कॉलेज मैं एक साथ ही एडमिशन ले लिया। एक दिन की बात हैं।
लड़का और लड़की दोनों ही एक साथ कॉलेज से घर जा रहे थे उनका घर कॉलेज से बहुत दूर था। तो वो दोनों ही बातें करतें करतें अपने घर पैदल ही जा रहें थें। शायद दोनों को ही एक दूसरे से बेपनाह प्यार हो चुका था तभी अचानक रास्ते में ही जोरदार बारिश होने लगीं। और दोनों को ही एक पेड़ के नीचे रुकना पड़ा। पेड़ बहुत बड़ा था। इसलिए बारिश की बूंदे छनछन कर उन दोनों के ऊपर गिर रहीं थीं। और उनके सारे कपड़े पूरी तरह से भीग चुके थे। और वो दोनों ही एक दूसरे के बिल्कुल सट के ही खड़े हुए थे अब लड़के से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। और लड़की भी इतनी उतावली हो रहीं थीं कि जैसे उस लड़के का
ही कुछ कहने का इंतजार कर रहीं हो तभी अचानक लड़का अपने आप पर काबू न रख सका। उसने लड़की को परपोज़ कर ही दिया। लड़की भी मन ही मन उसे बेहद प्यार करतीं थीं इसलिए उसने उस लड़के को हाँ कह दिया। और तभी वो दोनों ही उस भरी बरसात में एक दूसरे की बाँहो में ऐसे लिपट गए।
कि जैसे वो दोनों जन्म जन्म से एक दूसरे का ही इंतजार कर रहें हों। और शाम तक वो दोनों ही वहीं खड़े खड़े प्यार प्रेम की बातें करते रहें एक बार की बात हैं। वो लड़की उस लड़के का उसी पेड़ के नीचे इंतजार कर रहीं थीं
मगर लड़के को आने में बहुत देर हो गयी तभी लड़की उससे बहुत नाराज होकर कहती हैं। कि तुम्हें आने में इतनी देर क्यों हो गयी मेरी तो जान ही निकल गयी थीं यह सुनकर लड़का बोला कि में तुमसे दूर कहाँ गया था मैं तो हमेशा तुम्हारे दिल में ही रहता हूँ तुम्हे यकीन न हो तो तुम अपने दिल से पूछ लो लड़के की इस प्यारी सी बात को सुनकर लड़की अपना सारा गुस्सा भूल गयी। और वह दौड़ कर लड़के की बाँहो में लिपटी गयी एक दिन दोनों ही उस पेड़ के नीचे बैठकर बातें कर रहे थे। लड़की पेड़ के सहारे बैठी हुई थीं। और लड़का उसकी गोद में सर रखकर लेटा हुआ था। तभी लड़की बोली कि जानू अब तुम्हारी जुदाई मुझसें बर्दाश नहीं होती। तुम्हारे बिना एक पल भी मुझें 100 साल के बराबर लगता हैं अब तुम मुझसें जल्दी ही शादी कर लो वरना किसी दिन मैं तुम्हारा इंतजार करतें करतें इस पेड़ के नीचे ही मर जाउँगी। तभी लड़के ने झट से लड़की के मुँह पर अपना हाथ रख दिया। और बोला मेरी जान तुम ऐसी बात मत किया करों।
अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं भी तुम्हारें बिना जिंदा नहीं रहूँगा। फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला। कि तुम चिंता मत करों। मैं जल्दी ही अपने घरवालों से तुम्हारी और मेरी शादी की बात करूँगा धीरे धीरे काफी समय बीत गया। एक दिन की बात हैं। वो दोनों उसी पेड़ के नीचे बैठ हुए थे उस समय लड़के का चेहरा उतरा हुआ था लड़की के पूछने पर वह बहुत उदास होकर बोला कि जान मैंने अपने घरवालों को बहुत समझाया। पर वे हमारी शादी के लिए राजी नहीं हुए। उन्होंने मेरी शादी कहीं ओर पक्की कर दी हैं। यह सुनते ही
लड़की का कलेजा फट पड़ा। उसका मन हुआ। कि वह जोर जोर से रोए मगर वह अपने आँसुओ को छुपाते हुए बोली कि मैंने तुमसें सच्चा प्यार किया हैं। और मैं तुम्हे कभी भूल नहीं सकती लड़का बोला प्लीज़ मुझे माफ़ कर देना और उसने अपनी प्रेमिका से यह भी कहा कि अगर तुम चाहों तो अब हम एक अच्छे
दोस्त की तरह रह सकतें हैं। तब लड़की यह बात सुनकर जोर जोर से रोने लगती हैं।
और अपने प्रेमी से कहती हैं। कि क्या तुमने मुझें छोड़ने के लिए ही प्यार किया था। और तुम मेरे सिवा किसी ओर से शादी कैसे कर सकतें हो। तुमनें इसी पेड़ के नीचे बैठकर मुझसें कितने वादे किये थे क्या तुम वो सब वादे भूल गए।
और हम दोनों ने इसी पेड़ के नीचे बैठकर जीने मरने की कसमें खाई थीं। उन कसमो को तुम कैसे भूल सकतें हों। तुम मेरे बिना किसी ओर से शादी कर सकतें हो मगर शायद मैं तुम्हारे बिना किसी ओर से शादी कभी भी नहीं कर सकतीं। तभी लड़का लड़की को सॉरी कहकर अपने घर चला जाता हैं। और लड़की भी बहुत ज्यादा रोती हुई अपने घर चली जाती हैं देखते ही देखतें लड़के की शादी का दिन अब आ ही गया।
लड़का भी अपनी शादी मजबूरी में ही कर रहा था। क्योंकि उसके घरवालें उस पर बहुत ही ज्यादा दबाब डाल रहें थें। और उसके पिताजी ने यह भी कहा था कि अगर तुनें उस लड़की से शादी की तो उस लड़की को और उस लड़की के घरवालों को हम बर्बाद कर देंगे। इसीलिए उसने अपनी प्रेमिका को शादी करने के लिए मजबूरी में मना ही कर दिया था। मगर ये बात उसने अपनी प्रेमिका को नहीं बताई थीं। और शादी के लिए अपने घरवालों की बात मजबूरी में मान गया।
और आज ही के दिन लड़के की शादी होने वाली थीं। तभी लड़की का बाप रोता हुआ बड़ी मुश्किल से लड़के के पास शादी में ही पहुँच जाता हैं। और रोता हुआ लड़के के सामने घुटनों के बल बैठ जाता हैं। और उसे अपनी बेटी की लिखी हुई एक चिट्ठी पकड़ा देता हैं। तभी वो लड़का उस चिठ्ठी को खोलकर पड़ता है। चिठ्ठी पढ़ते ही उसकी आँखों के आगे अँधेरा छा जाता हैं। और उसकी आँखों से इस तरह से आँसू निकलतें हैं जैसे कि कहीं पर बादल
फट गए हों। उस चिट्ठी में लिखा था। कि जानू तुम्हें तुम्हारी शादी मुबारक हो
शायद इस जन्म में तुम मेरे नहीं हो सकतें तो क्या हुआ मैं हर जन्म में करूँगी और हाँ कभी तुम्हें मेरी थोड़ी भी याद आ जाए तो तुम उसी पैड़ के पास आकर मुझें याद करना में तुमसे मिलने जरुन आऊँगी।
तुम्हारा इंतजार मुझें माफ़ कर देना जानू अब तुम्हारें बिना मैं इस दुनियां में एक पल भी नहीं रह सकतीं इसलिए उस पेड़ के पीछे वाली खाई में
कूदकर मैं अपनी जान दे रहीं हूँ। तभी वो चिठी पढ़कर उसका प्रेमी आँखों में आँसू लिए उसी पेड़ के पास भागता हुआ चला गया और जब वो वहाँ पर पहुँचा। तो उस पेड़ के पीछे वाली खाई के पास लोगो की बहुत ही भीड़ लगी हुई थीं। मगर अचानक ही उसके प्रेमी ने भी ये कहकर उस खाई में छलाँग लगा दी कि जानू रूको मैं भी आ रहा हूँ तुम्हारे पास और ये कहकर वो भी उसी खाई में कूद गया ये देखकर वहाँ खड़े सभी लोग हक्के बक्के रह गए। तभी लड़के और लड़की के माता पिता भी वहाँ पर पहुँच जातें हैं। और लड़के के खाई में कूदने की खबर सुनतें ही। उसके घरवाले बहुत ज्यादा रोते हैं और उन्हें बहुत ज्यादा पछतावा होता हैं। कि ये सब हमारी ही वजह से हुआ हैं। काश हम अपने बेटे की शादी उसकी प्रेमिका से करवा देते तो ऐसा कभी नहीं होता ये कहतें हुए वो सब बहुत ज्यादा फुट फुट कर रोने लगते हैं तो दोस्तों प्यार तो सभी को एक न एक दिन होता ही हैं फिर चाहें वो पुराने ही ज़माने के क्यूँ न हो लेकिन वो लोग भी अपने ही बच्चों का प्यार क्यूँ समझ नहीं पातें। दोस्तों अपने बच्चों के
प्यार को समझो उनकी आप पूरी बात सुनो तभी कोई फैसला करों। क्योंकि दोस्तों आपके बच्चे ही आपकी शान और आपकी जान हैं l
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